चद्ड़ी भेजो या कॉंन्डोम क्या फ़र्क पड़ता है, खूब अश्लिलता का प्रदर्शन करो किसने रोका है। परंतु राजनीति न करो, इसका संबंध आम जनता से है क्या ? कम से कम पड़े लिखे युवकों कुछ देश के बारे में सोचो। आम जनता, देश के विकास , देश की सुरक्षा और मंदी के बारे मे सोचो। क्या देश से तुमको प्यार है कि नहीं? राम सेना हो या अपने को प्रगतिशील कहलाने वाले लोग; जब पेट भरा हो तो इनको यहीं याद आते हैं। ये वे लोग है जो कभी वोट नहीं डालने जाते हैं; अगर जाते हैं तो किसी न किसी नेता की बिगड़ी हुई औलादें मिलेंगी; ये राम सेना वाले जिन्हें कोई कार्य नहीं है। अगर इनमें इंतना दम है तो इस देश के विश्वकर्मा (इंजिनियर) की हत्या में मायावती का हाथ है, जबकि विश्वकर्मा विकास करता है तो उसके हत्यारे के विनाश के लिए court ka door dekho..aur prey karo